It is a social organisation of a Rajput community in India. It is maintained by Yeshwant Singh Kaushik (Indore). Blog courtesy- Yeshwant Singh Kaushik, Indore.
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Thursday, November 18, 2010
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Friday, November 5, 2010
Happy Dipawali to all the members of Chouhans
सम्पादकीय- शुभकामना सन्देश
दीपों के पर्व पर अँधेरा न रहे।
सामाजिक विकास, देश की उन्नति के लिए जरूरी है की प्रत्येक अपनी इच्छा सोच के साथ विकास कार्यों में सहयोग करे। देश की उन्नति में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी निश्चित होती है। दीपावली पर्व खुशियों का पर्व है। इस पर्व पर हम सभी दीपों को प्रज्वलित कर वातावरण को प्रकाशमान करते हैं। इस पर्व पर हमें प्रेरणा लेना होगी की दीपों के प्रकाश की तरह हम भी अज्ञानता, अशिक्षा, कुरीतियों,भेदभाव, इर्ष्या , चापलूसी तिमिर दूर करें। आज मनुष्य लोभ एवं स्वार्थ के लिए दूसरों को कष्ट पहुचने में नहीं चूकता। इससे आपसी भाईचारा एवं बंधुत्व की भावना का ह्रास होता है। दीपावली पर्व के दिन हम सभी को मन से प्रयास करना चाहिए की द्वेष भावना से परे एकजुट होकर समाज व देश के विकास में सहयोग करे। समाज में व्याप्त अंधकार अज्ञानता, अशिक्षा तथा कुरीतियों को मिलजुल कर दूर करें।
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना।।
अँधेरा धरा पर कहीं रह ना जाए
इस दीपावली पर्व पर हम सभी को प्रेरणा तथा संकल्प लेना चाहिए की हम सामाजिक कुरीतियों को दूर कर आपसी सौहार्द्र बनाते हुए समाज की खुशहाली बढाने का काम करेंगे। सही मायने में तो जब तक व्यक्ति की अच्छी सोच नहीं होगी, तब तक समाज में अज्ञानता, अशिक्षा तथा फैली कुरीतियों दूर नहीं होंगी और मनुष्य के जीवन में अँधेरा बना ही रहेगा.... सुक्खनलाल चौहान
दीपों के पर्व पर अँधेरा न रहे।
सामाजिक विकास, देश की उन्नति के लिए जरूरी है की प्रत्येक अपनी इच्छा सोच के साथ विकास कार्यों में सहयोग करे। देश की उन्नति में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी निश्चित होती है। दीपावली पर्व खुशियों का पर्व है। इस पर्व पर हम सभी दीपों को प्रज्वलित कर वातावरण को प्रकाशमान करते हैं। इस पर्व पर हमें प्रेरणा लेना होगी की दीपों के प्रकाश की तरह हम भी अज्ञानता, अशिक्षा, कुरीतियों,भेदभाव, इर्ष्या , चापलूसी तिमिर दूर करें। आज मनुष्य लोभ एवं स्वार्थ के लिए दूसरों को कष्ट पहुचने में नहीं चूकता। इससे आपसी भाईचारा एवं बंधुत्व की भावना का ह्रास होता है। दीपावली पर्व के दिन हम सभी को मन से प्रयास करना चाहिए की द्वेष भावना से परे एकजुट होकर समाज व देश के विकास में सहयोग करे। समाज में व्याप्त अंधकार अज्ञानता, अशिक्षा तथा कुरीतियों को मिलजुल कर दूर करें।
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना।।
अँधेरा धरा पर कहीं रह ना जाए
इस दीपावली पर्व पर हम सभी को प्रेरणा तथा संकल्प लेना चाहिए की हम सामाजिक कुरीतियों को दूर कर आपसी सौहार्द्र बनाते हुए समाज की खुशहाली बढाने का काम करेंगे। सही मायने में तो जब तक व्यक्ति की अच्छी सोच नहीं होगी, तब तक समाज में अज्ञानता, अशिक्षा तथा फैली कुरीतियों दूर नहीं होंगी और मनुष्य के जीवन में अँधेरा बना ही रहेगा.... सुक्खनलाल चौहान
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